साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे स्कूल चलो अभियान से काफी खुश हैं मुख्यमंत्री योगी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले मैं प्रदेश के कई स्कूलों में गया। उस समय स्कूलों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। बहुत जगहों पर स्कूलों के भवनों पर बड़े-बड़े पेड़ उगे हुए थे। कुछ जगहों पर यह पता ही नहीं चलता था कि यह विद्यालय है या बाग। झाड़ी के बीच से जैसे-तैसे बच्चे स्कूल आते जाते थे। कहीं शिक्षक नहीं होते थे तो कहीं छात्र नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि वर्ष 2017 के पहले 60 से 70 प्रतिशत छात्रों को नंगे पैर स्कूल आने के लिए मजबूर होना पड़ता था, लेकिन जब दो यूनीफार्म, जूते-मोजे, स्वेटर, बैग आदि मिलना उन्हे प्रारंभ हुआ तो आज बेसिक शिक्षा परिषद का हर छात्र इस बात पर गौरव महसूस करता है कि मैं भी किसी पब्लिक और कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का हकदार हूं।
आपरेशन कायाकल्प में विद्यालय हुए दर्शनीय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आईजीपी में आयोजित बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के छात्रों को यूनीफार्म, जूता मोजा, स्कूल बैग के साथ स्टेशनरी के लिए डीबीटी के माध्यम से धनराशि हस्तातंरित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को उनके कर्तव्य की शपथ दिलाई और विद्यालयों की साफ सफाई पर प्रधानाध्यापक के साथ ग्राम प्रधान को सम्मानित किया। योगी आदित्यनाथ ने सरकारी बेसिक तथा प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे एक करोड़ 91 लाख के अधिक बच्चों के अभिभावकों के खाते में उनकी स्कूल यूनिफार्म तथा स्टेशनरी के लिए 1200-1200 रुपया डीबीटी के माध्यम से ट्रांफसर किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लाख 62 हजार शिक्षकों की तैनाती बेसिक शिक्षा परिषद और माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलाें में की गई। वहीं आपरेशन कायाकल्प के माध्यम से विद्यालयों में केंद्र और राज्य सरकार के साथ जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, पुरातन छात्रों ने मिलकर सुविधाएं दीं। यही वजह है कि आपरेशन कायाकल्प में बहुत सारे विद्यालय आज दर्शनीय हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेैं बेसिक शिक्षा परिषद को इस पूरे कार्यक्रम के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं। यह कार्यक्रम लगातार आगे बढ़ते रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी प्रदेश साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे स्कूल चलो अभियान में शिक्षकों और विभाग के अधिकारियों की भागीदारी से काफी खुश थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल के प्रथम सप्ताह में हम लोगों ने स्कूल चलो अभियान प्रारंभ किया था और मुझे प्रसन्नता है कि इस अवसर पर मुझे भी एक आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से मार्च 2020 में लाॅकडाउन लगा, जिससे सभी का जीवन प्रभावित हुआ। इसमें सबसे अधिक माध्यमिक और प्राइमरी के बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही थी। ऐसे में दूरदर्शन के जरिए उनकी पढ़ाई की व्यवस्था कराई गई। पांच वर्ष पहले बेसिक परिषद के स्कूलों की क्या हालत थी, यह सब जानते हैं। वहीं पिछले पांच वर्षों में आपने जो मेहनत की, उसी का परिणाम है कि आज बेसिक शिक्षा परिषद विश्वास का प्रतीक बन गया है। विद्यालय में बच्चों की एक करोड़ 34 लाख पहुंची संख्या को आज आप लोगों ने एक करोड़ 91 लाख तक पहुंचा दिया है।
नौ सौ से अधिक विद्यालयों को मिली फाइव रेटिंग
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर 1200 रुपये की धनराशि एक करोड़ 91 लाख से अधिक छात्रों के अभिभावकों के खाते में भेजी। मालूम हो कि भारत सरकार द्वारा स्वच्छता और साफ सफाई के लिए विद्यालयों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार दिये जा रहे हैं। इसमें प्रदेश के नौ सौ से अधिक विद्यालयों को फाइव स्टार रेटिंग मिली है। इसमें से सर्वश्रेष्ठ 26 विद्यालयों को राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जा रहा है। इसमें से नौ विद्यालयों को मुख्यमंत्री ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं सीएम ने विद्यांजलि कायाकल्प पोर्टल को भी लांच किया। इससे स्कूलों को गोद लेने की प्रक्रिया जहां पारदर्शी होगी। वहीं आम आदमी भी स्कूलों को गोद ले सकेगा। साथ ही आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका पुस्तक का विमोचन किया, इसी के साथ 6 लाख शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हो गया। कार्यक्रम में एनसीआरटी के विज्ञान और गणित के किट प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी इन्हे स्थापित करने की कार्रवाई हुई है। कार्यक्रम से पहले शॉट फिल्म भी दिखाई गई। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, महिला कल्याण-बाल विकास एवं पुष्टाहार बेबी रानी मौर्या, माध्यमिक शिक्षा विभाग की मंत्री गुलाब देवी और बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार आदि उपस्थित रहे।
सीएम ने सात दिन पहले ही पूरी कर दी थी कृति दुबे की मुराद
कनौज के बिरतिया की रहने वाली पांच साल की कृति दुबे ने प्रधानमंत्री को चिट्टी भेजकर स्कूल में पेंसिल खो जाने पर दोबारा मां से पेंसिल मांगने पर मारने की शिकायत की है, लेकिन कृति दुबे को पता ही नहीं है कि उसकी इस समस्या का मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सात दिन पहले से समाधान कर चुके हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने सात दिन पहले ही बेसिक शिक्षा परिषद के बच्चों को डीबीटी के माध्यम से दी जाने वाली 1100 रुपये की धनराशि में पेंसिल, रबड़ आदि स्टेशनरी के लिए 100 रुपये की धनराशि बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ने स्टेशनरी के लिए सौ रुपये की धनराशि बढ़ाकर डीबीटी के माध्यम से छात्रों के अभिभावकों को दी जाने वाली धनराशि को 1200 रुपये कर दिया। अब कृति को स्कूल में पेंसिल खो जाने पर दोबारा पेंसिल मांगने पर मां से मार नहीं खानी पड़ेगी।